Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
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अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
सुर ब्रह्मादिक पार न पाय ॥ जो यह पाठ करे मन लाई ।
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं more info ताके रहे कलेशा॥
Each time the gods connect with out to him in distress, Lord Shiva right away removes their sorrows. During the good turmoil brought on by Tarakasura, Many of the gods turned to you personally for help.